A Simple Key For shiv chalisa lyrics Unveiled
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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
स्तवं यः प्रभाते नरः शूलपाणे पठेत् सर्वदा भर्गभावानुरक्तः ।
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
शबरी सँवारे रास्ता आएंगे राम जी - राम भजन
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
शिव चालीसा के माध्यम से आप भी अपने दुखों को दूर करके शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
न कश्चित् पुत्रस्य वंचनं कर्तुम् इच्छति।
अर्थ- हे गिरिजा पति हे, दीन हीन पर दया बरसाने वाले भगवान शिव आपकी जय हो, आप सदा more info संतो के प्रतिपालक रहे हैं। आपके मस्तक पर छोटा सा चंद्रमा शोभायमान है, आपने कानों में नागफनी के कुंडल डाल रखें हैं।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥